Bihar Weather Forecast : मौसम विभाग के अनुसार, इस बार बिहार में मानसून समय से पहले आ सकता है। केरल में मानसून 27 मई को पहुंचने की संभावना है, जिससे बिहार में भी जल्दी आने की उम्मीद है। पिछले कुछ वर्षों में मानसून की बारिश सामान्य से कम रही है।

बिहार में इस साल जल्द आ सकता है मॉनसून
पिछले साल बिहार में मॉनसून 20 जून को आया था, जो कि देरी से था। बारिश भी सामान्य से कम हुई थी। मौसम विभाग ने 15 मई को मॉनसून का पूर्वानुमान जारी किया है। इससे केरल और बिहार में मॉनसून आने की सही जानकारी मिलेगी।
पटना :-
इस बार बिहार में मॉनसून समय से पहले आ सकता है। मौसम विभाग (आईएमडी) के अनुसार, मॉनसून 27 मई को केरल पहुंच सकता है। आमतौर पर मॉनसून 1 जून को केरल पहुंचता है। केरल में मॉनसून जल्दी आने से बिहार में भी इसके जल्दी आने की उम्मीद है।

समय से 4 दिन पहले आ सकता है मॉनसून
मौसम विभाग के अनुसार इस बार मॉनसून समय से चार दिन पहले आ सकता है। आईएमडी का अनुमान है कि दक्षिण-पश्चिम मॉनसून 27 मई को केरल पहुंचेगा। आमतौर पर मॉनसून 1 जून को केरल के रास्ते भारत में आता है। केरल में पहले मॉनसून आने से यह उम्मीद है कि बिहार में भी यह समय से पहले आएगा। मौसम विभाग के अनुसार बिहार में मॉनसून आने की संभावित तारीख 13 से 15 जून है।

बिहार में मॉनसून 2025 की संभावित तारीख
इस साल यानी बिहार में मॉनसून की तारीख 13 से 15 जून तक आ सकता है। पिछले साल बिहार में मॉनसून पांच दिन की देरी से 20 जून को आया था। बारिश भी सामान्य से 20 प्रतिशत कम हुई थी। 2023 में मॉनसून समय से एक दिन पहले 12 जून को आ गया था। लेकिन फिर भी बारिश सामान्य से 23 प्रतिशत कम हुई थी। 2020 से 2022 के बीच बिहार में मॉनसून 13 जून को आया था।
15 मई को मौसम विभाग देगा मॉनसून पर रिपोर्ट
बिहार के मौसम विभाग ने कहा है कि 15 मई को आईएमडी मॉनसून के बारे में अपनी रिपोर्ट जारी करेगा। इसके बाद ही केरल और बिहार में मॉनसून आने की सही जानकारी मिल पाएगी। आईएमडी के आंकड़ों के अनुसार, अगर मॉनसून केरल में उम्मीद के मुताबिक पहुंचता है, तो यह 2009 के बाद पहली बार होगा जब मॉनसून भारत में इतना जल्दी आएगा। 2009 में मॉनसून 23 मई को आया था। भारत में मॉनसून के आने की आधिकारिक घोषणा तब होती है, जब यह केरल पहुंचता है, जो आमतौर पर 1 जून के आसपास होता है। दक्षिण-पश्चिम मॉनसून 8 जुलाई तक पूरे देश में फैल जाता है। यह 17 सितंबर के आसपास उत्तर-पश्चिम भारत से वापस जाना शुरू करता है और 15 अक्टूबर तक पूरी तरह से चला जाता है।