
उत्तर प्रदेश सरकार ने 100 वर्गमीटर तक की आवसिय भूखंडो और 30 वर्गमीटर तक की दुकानों के निर्माण के लिए नक्शा पास प्रक्रिया को समाप्त करने की घोषणा की है। नए नियमों में FAR में बढ़ोतरी, छोटे व्यवसायों को छूट, और ऑनलाइन स्वीकृति प्रणाली को शामिल किया गया है। यह कदम शहरी विकास को गति देगा और पेशेवरों व निवेशकों के लिए नए अवसर प्रदान करेगा।
वर्टिकल ग्रोथ को मिलेगा बढ़ावा
राज्य सरकार की इस योजना का प्रमुख उद्देश्य शहरी क्षेत्रों में वर्टिकल ग्रोथ को बढ़ावा देना है। इसके अंतर्गत भवनों की ऊंचाई की सीमा को शिथिल किया जाएगा और निर्मित क्षेत्र यानी बिल्ट-अप एरिया बढ़ाने की अनुमति दी जाएगी। इससे डेवलपर्स को बड़े प्रोजेक्ट्स को मूर्त रूप देने में आसानी होगी और शहरी आवास संकट को भी हल किया जा सकेगा।
उत्तर प्रदेश सरकार ने एक ऐतिहासिक फैसला लेते हुए New Rules लागू किए हैं, जिसके तहत अब 100 वर्ग मीटर तक के आवासीय भूखंडों पर घर बनाने के लिए नक्शा पास कराने की आवश्यकता नहीं होगी। इसी प्रकार, 30 वर्ग मीटर तक के भूखंड पर दुकान निर्माण के लिए भी नक्शा पास कराना अनिवार्य नहीं होगा। यह कदम राज्य में शहरीकरण को गति देने और छोटे एवं मध्यम व्यापारों को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से उठाया गया है।

छोटे भूखंडों पर निर्माण के लिए नक्शा पास कराना अब आवश्यक नहीं
अब 100 वर्ग मीटर तक के आवासीय भूखंडों और 30 वर्ग मीटर तक की दुकानों के निर्माण के लिए नक्शा पास कराने की आवश्यकता नहीं होगी। यह निर्णय शहरीकरण को बढ़ावा देने और छोटे व्यवसायों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से लिया गया है।उत्तर प्रदेश सरकार ने हाल ही में भवन निर्माण से संबंधित नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं, जिससे आम नागरिकों, छोटे व्यवसायों और पेशेवरों को बड़ी राहत मिली है।
डिजिटल ट्रस्ट-बेस्ड नक्शा स्वीकृति प्रणाली
500 वर्ग मीटर तक के भूखंडों के लिए, यदि कोई रजिस्टर्ड आर्किटेक्ट नक्शा तैयार करता है, तो उसे ऑनलाइन ट्रस्ट-बेस्ड प्रणाली के माध्यम से सीधे स्वीकृति मिल जाएगी। यह प्रणाली नक्शा स्वीकृति प्रक्रिया को पारदर्शी और त्वरित बनाएगी।

जनता से सुझाव आमंत्रित
इस बदलाव के मसौदे को 15 दिनों के लिए विभागीय वेबसाइट और विकास प्राधिकरणों के कार्यालयों में जनता के सुझाव और आपत्तियों के लिए रखा जाएगा। जनसुनवाई के बाद इस नीति को मंत्रिमंडल की मंजूरी हेतु प्रस्तुत किया जाएगा।
इन नए नियमों से उत्तर प्रदेश में शहरी विकास को गति मिलेगी, निर्माण प्रक्रिया सरल होगी, और आम नागरिकों को अपने घर और व्यवसाय स्थापित करने में आसानी होगी।