Bihar Bullet Train: इन वजहों से लोगों को पसंद नहीं बुलेट ट्रेन, जानें क्या हैं नुकसान और बाधाएं..!

Bihar Bullet Train: ट्रेन से सफर करने वाले बिहार के यात्रियों को बुलेट ट्रेन के रूप में एक बड़ी सौगात मिली है. बनारस से हावड़ा के बीच चलने वाली बुलेट ट्रेन बिहार के लिए बहार लेकर आएगी, क्योंकि यह ट्रेन बिहार के 5 मुख्य शहरों से होकर गुजरने वाली है. खास बात यह है कि इसके निर्माण के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो गई है. बता दें कि बिहार के बक्सर, आरा, पटना, जहानाबाद और गया से होकर बुलेट ट्रेन गुजरेगी. वहीं पूरे रूट पर एलिवेटेड ट्रैक और अत्याधुनिक स्टेशन बनाए जाएंगे, जिससे सफर अधिक सुविधाजनक होगा, लेकिन इन सबके बीच क्या आपने कभी यह सोचा है कि बुलेट ट्रेन के चलने पर लोगों को किन-किन बाधाओं का सामना करना पड़ेगा? अगर नहीं आइए हम बताते हैं कि बुलेट ट्रेन चलने के क्या-क्या नुकसान हैं.

आइये जानते हैं बुलेट ट्रेन से क्या हैं नुकसान ?

बुलेट ट्रेन: जानिए इसके संभावित नुकसान

भारत में बुलेट ट्रेन परियोजना को आधुनिकता और तेज़ यातायात के प्रतीक के रूप में देखा जा रहा है, लेकिन इसके कई नुकसान और चुनौतियाँ भी हैं, जिन्हें नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता। आइए नज़र डालते हैं इसके कुछ प्रमुख नुकसानों पर:

1. बहुत अधिक लागत

बुलेट ट्रेन परियोजना की लागत बेहद अधिक है। मुंबई-अहमदाबाद रूट की बात करें तो इसकी अनुमानित लागत करीब 1.1 लाख करोड़ रुपये है।

  • इतना पैसा यदि पारंपरिक रेलवे के सुधार, स्वास्थ्य, शिक्षा या ग्रामीण बुनियादी ढांचे पर खर्च किया जाए, तो ज्यादा व्यापक लाभ मिल सकता है।

2. भूमि अधिग्रहण और विस्थापन

बुलेट ट्रेन के लिए बड़ी मात्रा में ज़मीन की ज़रूरत होती है।

  • इससे किसानों, ग्रामीणों और आदिवासियों को बेघर होना पड़ सकता है, जो पहले से ही हाशिए पर हैं।
  • भूमि अधिग्रहण को लेकर कई जगहों पर विरोध भी देखा गया है।

3. कम वर्ग के लोगों की पहुँच से बाहर

बुलेट ट्रेन की टिकट कीमतें आम आदमी की पहुँच से बाहर हो सकती हैं।

  • इसकी सेवा मुख्यतः उच्च वर्ग या व्यावसायिक यात्रियों के लिए होगी, जिससे सामाजिक असमानता बढ़ सकती है।

4. पर्यावरणीय प्रभाव

बड़ी-बड़ी सुरंगें, पटरियों और स्टेशनों के निर्माण से जंगलों की कटाई, जल स्रोतों पर प्रभाव और जैव विविधता को खतरा हो सकता है।

5. परंपरागत रेलवे पर असर

बुलेट ट्रेन पर अधिक ध्यान देने से हो सकता है कि भारतीय रेलवे की मौजूदा संरचना और सेवाओं में सुधार की गति धीमी पड़ जाए।

  • जबकि आज भी लाखों लोग रोजाना धीमी और किफायती ट्रेनों पर निर्भर हैं।

6. तकनीकी और रखरखाव चुनौती

बुलेट ट्रेन जापान की तकनीक पर आधारित है, लेकिन भारत में उसका रखरखाव, संचालन और मरम्मत एक बड़ी चुनौती साबित हो सकता है।

  • भारतीय मौसम, धूलभरे इलाके और रखरखाव की परंपरा इसमें अड़चनें पैदा कर सकती हैं।

इसमें कहीं कोई शक नहीं कि बुलेट ट्रेन में कई प्रकार की सुविधाएं होती हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि भारत में चलने से इसमें कोई कमी नहीं है. अब अगर इसकी लागत की ही बात करें तो बुलेट ट्रेन को बनाने को चलाने की लागत बहुत ज्यादा होती है. जिससे टिकटों का दाम भी अधिक हो सकता है. जाहिर सी बात है कि टिकट की कीमत ज्यादा होने के कारण मिडिल क्लास और गरीब लोगों का इससे सफर कर पाना मुश्किल होगा.

इसके अलावा बुलेट ट्रेन के चलने से कुछ भौतिक बाधाएं भी हैं. बता दें कि बुलेट ट्रेन लंबी और सीधी लाइन पर चलती है. ऐसे में इसे कुछ भौगोलिक क्षेत्रों में लागू करना मुश्किल बना सकती हैं.

निष्कर्ष:

बुलेट ट्रेन निश्चित रूप से भारत के यातायात तंत्र में क्रांति ला सकती है, लेकिन यह जरूरी है कि इसके नुकसान, सामाजिक प्रभाव और प्राथमिकताओं पर गहन विचार किया जाए।
देश के विकास के साथ-साथ समावेशिता और संतुलन भी उतना ही ज़रूरी है।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top