
गाजीपुर में स्मार्ट मीटर लगने के बाद भी बिजली बिल में गड़बड़ी की शिकायतें आ रही हैं। उपभोक्ताओं का आरोप है कि मीटर रीडिंग में धांधली हो रही है और बिल संशोधन के नाम पर रिश्वत मांगी जा रही है। जंगीपुर और पारा उपकेंद्रों से सबसे ज्यादा शिकायतें हैं। विभाग ने जांच कराकर कार्रवाई का आश्वासन दिया है। स्मार्ट मीटर लगने के बाद भी बिजली बिल का ‘खेल’ जारी है।
पारा व जंगीपुर में सर्वाधिक शिकायतें
गलत बिजली बिल संशोधन के नाम पर धन उगाही की सबसे ज्यादा शिकायतें जंगीपुर व पारा उपकेंद्र की है। यहां पहले उपभोक्ताओं को गलत बिजली बिल का मैसेज भेजा जाता है, इसके बाद उसे ठीक करने के नाम पर बाबुओं द्वारा धन उगाही की जाती है। इसको लेकर पिछले माह व्यापारियों ने प्रदर्शन भी किया था। इसके बाद भी विभाग के बाबुओं के कार्यप्रणाली में सुधार नहीं हुआ।

मेरे पास अभी कोई ऐसी लिखित शिकायत नहीं मिली है। वैसे अगर स्मार्ट मीटर लगने के बाद गलत बिजली बिल आ रहा है तो उसे ठीक कराया जाएगा। रही बात बिल संशोधन के नाम पर धन उगाही की तो इसकी जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।- गोपाल सिंह, अधिशासी अभियंता विद्युत वितरण खंड द्वितीय।
संवाद सहयोगी, गाजीपुर :-
नॉर्मल मीटर के बाद स्मार्ट लगा, ताकि उपभोक्ता को गलत बिजली बिल से निजात मिल सके, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। मीटर रीडिंग में ऐसा खेल हो रहा है कि उपभोक्ता विभाग का चक्कर लगाकर घनचक्कर बन जा रहे हैं। बिल संशोधन के लिए बाबुओं के चक्कर लगा रहे हैं तो उनसे सौदा किया जा रहा। बिना सुविधा शुल्क के बिल का संशोधन नहीं किया जा रहा है। पीड़ित अगर अधिकारियों से सुविधा शुल्क लेने की शिकायत कर रहे हैं तो वे जांच करने की बात कहकर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दे रहे हैं। गलत बिल की शिकायत एक-दो नहीं बल्कि सैकड़ों में हर दिन अधिकारियों के पास आ रही है।
जंगीपुर के देवकठियां गांव निवासी रामजी पांडेय के घर करीब पांच माह पूर्व स्मार्ट मीटर लगा। शुरू में बिजली बिल 250-300 रुपये आ रहा था। दो माह पूर्व अचानक छह हजार, इसके बाद 11 हजार बिल आ गया। अचानक बिजली बिल बढ़ने के बाद रामजी जंगीपुर उपकेंद्र के बाबू के पास बिल संशोधन कराने पहुंचे तो उनसे सुविधा शुल्क की मांग की गई।रुपये नहीं देने पर आज तक बिल को संशोधित नहीं किया गया। कुछ ऐसा ही हाल रसूलपुर निवासी सुरेंद्र यादव का है। एक किलोवाट के कनेक्शन का बिल प्रतिमाह आठ हजार रुपये आ रहा है। जबकि घर के पंखा, कूलर व बल्व के अलावा कुछ नहीं जलता

इसके पूर्व गलत बिल आने पर सुरेंद्र ने बिल संशोधन कराया था, तब से बिल ठीक आ रहा था, मगर जैसे ही स्मार्ट मीटर लगा, बिल पुन: आठ हजार रुपये प्रतिमाह आने लगा। उन्होंने इसकी शिकायत संबंधित उपकेंद्र पर जाकर की लेकिन आज तक समस्या का निदान नहीं हो सका। यह तो एक बानगीभर है। ऐसे कई उपभोक्ता गलत बिजली बिल से परेशान विभाग के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन उनकी सुनने वाला कोई नहीं है।