​AC चलता रहेगा, बिल आएगा कम! एक्‍सपर्ट की बताई 5 बातों का रखेंगे खयाल तो नहीं होगी जेब ढीली

AC Electricity Saving Tips: अक्‍सर लोगों को यह शिकायत करते हुए देखा जाता है कि उन्‍होंने 5 स्‍टार रेटिंग एसी लिया है, फ‍िर भी बिजली बिल अधिक आ जाता है। हालांकि कई बार दिक्‍कत एसी की नहीं, हमारी लापरवाही की से होती है।


AC Electricity Saving Tips 2025:-

अगले कुछ दिनों में गर्मी अपने पीक पर पहुंचने लगेगी। उत्तर भारत के तमाम राज्‍य अब बढ़ते पारे से तपेंगे। लोग बेहाल होंगे पसीने से। गर्मी से राहत का प्रमुख जरिया है एयर कंडीशनर यानी एसी। लेकिन यह लोगों को टेंशन भी देता है। टेंशन बिजली बिल की। अक्‍सर लोगों को यह शिकायत करते हुए देखा जाता है कि उन्‍होंने 5 स्‍टार रेटिंग एसी लिया है, फ‍िर भी बिजली बिल अधिक आ जाता है। हालांकि कई बार दिक्‍कत एसी की नहीं, हमारी लापरवाही की से होती है। एक्‍सपर्ट का कहना है कि अगर कुछ बातों का खयाल रखा जाए तो लंबे टाइम तक एसी चलाने के बाद भी ज्‍यादा बिजली खपत से बचा जा सकता है। आइए ऐसी 5 चीजों पर बात करते हैं।

बहुत से लोग कमरा जल्‍दी ठंडा करने के लिए एसी के टेंपरेचर को एकदम 18 या 16 डिग्री पर ले आते हैं, जोकि गलत है। एक्‍सपर्ट ने बताया कि बिजली की खपत को कम रखने के लिए एसी का तापमान 22 से 26 डिग्री के बीच सेट किया जा सकता है। टाइमर सेट किया जा सकता है, जिससे एक निश्चित समय के बाद एसी अपने आप बंद हो जाएगा और पंखे की हवा ही पर्याप्‍त लगेगी। एसी चलाने के साथ कम स्‍पीड में पंखा चलाना भी फायदेमंद हो सकता है। यह आपके एसी की हवा को कमरे में फैलाने में मदद करता है।

एक्‍सपर्ट शैलेंद्र शर्मा ने बताया कि लोगों को अपने एसी की नियमित रूप से सफाई करनी चाहिए। उन्‍होंने कहा एसी के एयर फ‍िल्‍टर्स को नियम रूप से साफ करना चाहिए। जरूरत पड़ने पर उन्‍हें बदला भी जा सकता है। फ‍िल्‍टर साफ रहेंगे तो हवा का फ्लो अच्‍छा आएगा और कमरा जल्‍दी ठंडा होगा। इससे बिजली की खपत घटेगी। इसके साथ ही लोगों को अपनी एसी की रेगुलर सर्विस भी करानी चाहिए। यह भी ध्‍यान देना चाहिए कि कहीं कोई लीकेज तो नहीं। एसी में लीकेज होने से उस पर दबाव बढ़ता है और बिजली अधिक खर्च होती है।

AC में कई मोड हाेते हैं, लेकिन आमतौर पर लोग इन मोड्स का इस्‍तेमाल नहीं करते। एक्‍सपर्ट का कहना है कि इन मोड्स का इस्‍तेमाल करना चाहिए, जिससे बिजली खपत को कम रखने में मदद मिल सकती है। उदाहरण के लिए मॉनसून का मौसम आने से पहले एसी को कूल मोड में चलाना चाहिए और बरसात के मौसम में उसे ड्राई मोड में चलाया जाना चाहिए।

एक्‍सपर्ट शैलेंद्र शर्मा ने बताया कि इन्‍वर्टर एसी का इस्‍तेमाल करना ज्‍यादा फायदेमंद है। ये एसी स्‍पीड को रूप के टेंपरेचर के हिसाब से एडजस्‍ट करते हुए कूलिंग देते हैं। वहीं नॉन इन्‍वर्टर एसी की स्‍पीड आमतौर पर फ‍िक्‍स्‍ड होती है, उसमें ज्‍यादा पावर यूज होती है क्‍योंकि एसी जब तक रूम ठंडा नहीं करता, वह फुल पावर पर चलता रहता है। एक्‍सपर्ट का कहना है कि जिन यूजर्स के एसी पुराने हो गए हैं, उन्‍हें इन्‍वर्टर एसी में स्विच हो जाना चाहिए।

एक्‍स्‍पर्ट का कहना है कि तकनीकी बातों से अलग एक चीज जिस पर कई बार लोग लापरवाही बरतते हैं, वह है रूम का सही से सील ना होना। एक्‍सपर्ट का कहना है कि अगर खिड़की-दरवाजे सही से पैक नहीं किए जाएंगे तो कूलिंग बाहर निकल जाएगी। एक्‍सपर्ट ने यह भी बताया कि लोगाें को पर्दे भी इस्‍तेमाल करने चाहिए ताकि सीधी धूप कमरे में ना आए। इससे रूम जल्‍दी ठंडा होगा और आपके एसी को ज्‍यादा मेहनत नहीं करनी पड़ेगी।


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