भारत के BSF जवान पूर्णम कुमार साहू को पाकिस्तान ने रिहा कर दिया है। जानकारी के मुताबिक, जवान की वापसी अमृतसर के अटारी बॉर्डर से हुई है।
पाकिस्तान ने बुधवार को पंजाब में अटारी-वाघा सीमा के रास्ते 23 अप्रैल को पकड़े गए बीएसएफ जवान पूर्णम कुमार शॉ को भारत को सौंप दिया। कॉन्स्टेबल को पाकिस्तान रेंजर्स ने सुबह 10:30 बजे सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को सौंप दिया गया। बीएसएफ के प्रवक्ता ने बताया कि यह कार्रवाई शांतिपूर्ण तरीके से और स्थापित प्रोटोकॉल के अनुसार की गई।

पाकिस्तान से जारी तनाव के बीच भारत को एक और बड़ी कामयाबी मिली है। पाकिस्तान ने भारत के दवाब में सीमा सुरक्षा बल यानी BSF के जवान पूर्णम कुमार साहू को हिरासत से रिहा कर दिया है। बता दें कि जब भारत और पाकिस्तान के बीच पहलगाम आतंकी हमले को लेकर तनाव चरम पर था, उसी दौरान 23 अप्रैल को पूर्णम कुमार साहू को पाकिस्तानी रेंजर्स ने इंटरनेशनल बॉर्डर से हिरासत में ले लिया था। इसके बाद से ही उन्हें वापस लाए जाने की मांग हो रही थी। आज 14 मई को करीब 20 दिन बाद उनकी वापसी हो गई है।
विस्तार में जाने :-
पंजाब के फिरोजपुर में अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर पर गलती से पाकिस्तानी सीमा में प्रवेश करने वाले बीएसएफ जवान पीके साहू की बुधवार को रिहाई हो गई है। वे सकुशल वापस पहुंच गए हैं। साहू की सुरक्षित रिहाई के लिए बीएसएफ़ ने अथक प्रयास किया था। पाकिस्तान की कैद से 504 घंटे में हुई बीएसएफ जवान की रिहाई के लिए छह से अधिक फ्लैग मीटिंग की गई तो वहीं अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर पर 84 बार सीटी बजाई गई थी। सीओ लेवल की मीटिंग के अलावा बीएसएफ और रेंजर्स के शीर्ष अधिकारियों ने भी इस मुद्दे पर बातचीत की।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, बीएसएफ कांस्टेबल पूर्णम कुमार साहू पंजाब के फिरोजपुर सेक्टर में तैनात थे। भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ रहे सैन्य तनाव के शुरुआती दिनों में ही 23 अप्रैल को पूर्णम गलती से इंटरनेशनल बॉर्डर को क्रॉस कर गए थे। इसके बाद पाकिस्तानी रेंजर्स ने उन्हें हिरासत में ले लिया था।

शांतिपूर्ण तरीके से हुआ हस्तांतरण
बीएसएफ जवान पूर्णम कुमार साहू 23 अप्रैल 2025 से पाकिस्तान रेंजर्स की हिरासत में थे। जानकारी के मुताबिक, आज बुधवार को साहू को संयुक्त चेक पोस्ट अटारी, अमृतसर के माध्यम से लगभग 10.30 बजे भारत को सौंप दिया गया है। BSF के प्रवक्ता ने जानकारी दी है कि भारत और पाकिस्तान के बीच यह हस्तांतरण शांतिपूर्ण तरीके से और स्थापित प्रोटोकॉल के अनुसार किया गया है।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, बीएसएफ कांस्टेबल पूर्णम कुमार साहू पंजाब के फिरोजपुर सेक्टर में तैनात थे। भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ रहे सैन्य तनाव के शुरुआती दिनों में ही 23 अप्रैल को पूर्णम गलती से इंटरनेशनल बॉर्डर को क्रॉस कर गए थे। इसके बाद पाकिस्तानी रेंजर्स ने उन्हें हिरासत में ले लिया था।
बता दें कि बीएसएफ जवान 23 अप्रैल को गलती से पाकिस्तान की तरफ चला गया था। जवान की सकुशल रिहाई के लिए बीएसएफ द्वारा लगातार प्रयास जारी रखे गए। अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर पर बीएसएफ, रोजाना तीन से चार बार सीटी बजाकर या झंडा दिखाकर पाकिस्तानी रेंजर्स को बातचीत का सिग्नल भेजा गया। कई बार फ्लैग मीटिंग भी हुई। सूत्रों का कहना है कि जवान की रिहाई के लिए सभी तरह के प्रयास किए गए। यह बात तय हो गई थी कि पाकिस्तानी रेंजर्स के लिए लंबे समय तक बीएसएफ जवान को अपने कब्जे में रखना संभव नहीं होगा।

भारत के पास भी एक पाकिस्तानी जवान
भारत के सुरक्षाबलों ने भी बीते 3 मई को राजस्थान में पाकिस्तानी रेंजर्स के एक जवान को पकड़ा था। BSF ने ये गिरफ्तारी श्रीगंगानगर में बॉर्डर के पास की थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तानी रेंजर्स का जवान भारत की सीमा में घुसने की कोशिश कर रहा था। तभी BSF के जवानों ने उसे रोका और हिरासत में ले लिया।