Bank License Cancel: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अप्रैल 2025 में चार सहकारी बैंकों का लाइसेंस रद्द कर उन्हें कारोबार बंद करने के निर्देश दिए हैं. ये निर्णय ग्राहकों के हितों और बैंकिंग प्रणाली की स्थिरता को देखते हुए लिया गया है. इन बैंकों के पास अब किसी भी प्रकार का लेन-देन करने की अनुमति नहीं है
Bank License रद्द होने पर क्या होता हैं ?
किसी बैंक के परिचालन लाइसेंस के निरस्तीकरण का सबसे स्पष्ट प्रभाव यह है कि निरस्तीकरण के प्रभावी होने के समय से, बैंक को कोर बैंकिंग गतिविधियों में संलग्न होने के लिए अधिकृत नहीं किया जाता है , जैसे कि जनता से जमा प्राप्त करना और इनका उपयोग ऋण देने के लिए करना।
आइये जानते है की किन किन बैंकों का लाइसेंस हुआ रद्द |
आरबीआई द्वारा जिन बैंकों का लाइसेंस रद्द किया गया है. वे इस प्रकार हैं:
- शंकरराव मोहिते पाटिल सहकारी बैंक लिमिटेड, अकलुज (महाराष्ट्र) – 11 अप्रैल से कारोबार पर रोक
- कलर मर्चेंट्स को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, अहमदाबाद (गुजरात) – 16 अप्रैल को लाइसेंस रद्द
- अंजना अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, औरंगाबाद (महाराष्ट्र) – 22 अप्रैल को लाइसेंस रद्द
- शंकरराव मोहिते पाटिल सहकारी बैंक लिमिटेड, अकलुज (महाराष्ट्र) – 11 अप्रैल से कारोबार पर रोक
आखिर क्यों हुआ इन सभी बांको का लाइसेंस रद्द ?
आरबीआई के अनुसार इन बैंकों के पास पर्याप्त पूंजी नहीं बची थी और उनकी कमाई की संभावना भी बेहद कम हो गई थी. बैंक इतने कमजोर हो चुके थे कि वे अपने जमाकर्ताओं को रकम लौटाने की स्थिति में नहीं थे. जिससे ग्राहकों को जोखिम था. ऐसे में उनका संचालन ग्राहकों और बैंकिंग सिस्टम दोनों के लिए हानिकारक हो सकता था.
हालांकि ग्राहकों को घबराने की जरूरत नहीं है. इन बैंकों के खाताधारकों को DICGC स्कीम के तहत 5 लाख रुपये तक की बीमा राशि दी जाएगी. यह सुविधा खातों में जमा राशि के नुकसान से आंशिक सुरक्षा प्रदान करती है.
इन सभी बैंकों पर भी लगा जुर्माना :-
आरबीआई ने लाइसेंस रद्द करने के अलावा अप्रैल में 8 अन्य बैंकों पर भी जुर्माना लगाया है. इन बैंकों पर नियमों के उल्लंघन का आरोप है:
- आर्यावर्त बैंक, लखनऊ
- सिटीबैंक एनए
- आईडीएफसी फर्स्ट बैंक लिमिटेड
- इंडियन ओवरसीज बैंक
- इंडियन बैंक
- श्री गणेश सहकारी बैंक लिमिटेड, नासिक
- पंजाब नेशनल बैंक
- कोटक महिंद्रा बैंक लिमिटेड
यह जुर्माना नियमों के उल्लंघन पर आधारित है और इससे बैंकिंग सेवाओं या खाताधारकों के लेन-देन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा.