रूस के पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान Su-57E को आखिरकार मिला उनका पहला ग्राहक, पुतिन की मुराद हो गयी पूरी, भारत के साथ भी डील?

भारत फिलहाल अपने AMCA प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है। इसके अलावा भारत स्वदेशी Tejas Mk-2 लड़ाकू विमान भी बना रहा है। लेकिन पाकिस्तान के संघर्ष के बाद भारत को एक अत्याधुनिक लड़ाकू विमान की जरूरत है। ऐसे में Su-57E भारत के लिए एक मजबूत विकल्प बन सकता है।

मॉस्को:-

 रूस की सरकारी न्यूज एजेंसी TASS ने दावा किया है कि एसयू-57ई जेट को पहला विदेशी ग्राहक मिल गया है। यानि कई साल की मेहनत के बाद आखिरकार रूसी 5th जेनरेशन फाइटर जेट की बिक्री हो रही है। TASS ने 22 मई को जारी अपनी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2025 से ही ‘विदेशी देश’ में Su-57E अपनी पहली उड़ान भरना शुरू कर देगा। हालांकि रूस की तरफ से फिलहाल आधिकारिक तौर पर उस देश की पहचान का खुलासा नहीं किया गया है। रूस की संघीय सैन्य-तकनीकी सहयोग सेवा (FSVTS) ने भी मिन्स्क में MILEX 2025 रक्षा प्रदर्शनी के दौरान खरीदार देश की पहचान का खुलासा नहीं किया था। लेकिन उस संभावित देश का नाम अल्जीरिया होने की संभावना है। अल्जीरिया के सरकारी टेलीविजन और रूसी अधिकारियों के कुछ अलग अलग बयानों के साथ साथ कुछ स्वतंत्र स्रोतों से संकेत मिल रहे हैं और पुष्टि हो रही है कि अल्जीरिया और रूस के बीच Su-57E को लेकर सौदा हो गया है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक अल्जीरिया के पायलट पहले से ही रूस में Su-57E उड़ाने की ट्रेनिंग ले रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक इस साल के अंत तक रूस, कम से कम Su-57E लड़ाकू विमान के 6 यूनिट अल्जीरिया को सौंप देगा। अल्जीरिया और रूस के बीच होने वाले इस समझौते का संकेत सबसे पहले Su-57E बनाने वाली कंपनी रोसोबोरोनएक्सपोर्ट ने एयरशो चाइना 2024 में दिया था और बाद में एयरो इंडिया-2025 के दौरान भी कंपनी के डायरेक्टर अलेक्जेंडर मिखेव ने दोहराया था कि एक विदेशी ग्राहक इस साल के अंत तक फिफ्थ जेनरेशन लड़ाकू विमान को ऑपरेट करना शुरू कर देगा।

अल्जीरिया खरीदेगा रूसी पांचवीं पीढ़ी का लड़ाकू विमान


रूस का Su-57E फाइटर जेट, दुनिया के सबसे एडवांस्ड फाइटर जेट्स में से एक है। यह Su-57 का एक्सपोर्ट वर्जन है। यानि इसे बेचने के लिए तैयार किया गया है। एसयू-57ई को रूस की यूनाइटेड एयरक्राफ्ट कॉरपोरेशन (UAC) और सुखोई ने मिलकर विकसित किया है। इसने पहली उड़ान 29 जनवरी 2010 को भरी थी। अल्जीरिया और रूस के बीच सौदा होने के बाद अब सवाल ये है कि क्या Su-57E आने वाले वक्त में भारत जैसे देशों के लिए अमेरिकी F-35 या चीनी J-35 या J-20 स्टील्थ फाइटर जेट्स का मुकाबला करने वाला विकल्प बन सकता है? Su-57E लड़ाकू विमान हर उन खूबियों से लैस है जो एक 5वीं पीढ़ी के स्टील्थ फाइटर जेट में होनी चाहिए। इसमें स्टील्थ डिजाइन है, जिसकी वजह से आधुनिक रडार के लिए इसे डिटेक्ट करना काफी मुश्किल होता है, जिससे यह दुश्मन के डिटेक्शन से बच सकता है।

इसके अलावा Su-57 लड़ाकू विमान में सुपरमेन्युवरेबिलिटी जैसी क्षमता है, जिसका मतलब ये है कि इसमें थ्रस्ट वेक्टरिंग इंजन और डिजिटल फ्लाइट कंट्रोल सिस्टम है, जो इसे हवा में अविश्वसनीय गतिशीलता देते हैं। हथियारों को शरीर के भीतर रखने की क्षमता इसे ज्यादा स्टील्थ बनाती है। ऑल वेदर मल्टी-रोल ऑपरेशन की क्षमता भी इस फाइटर जेट में है, यानि समुद्री लड़ाई के साथ साथ जमीनी और आसमानी डॉगफाइट में भी ये विमान दुश्मन के खिलाफ बढ़त दिलाते हैं। इस फाइटर जेट की स्पीड 2600 किलोमीटर प्रतिघंटा है और ये 20000 मीटर की ऊंचाई पर उड़ान भर सकता है। दो बार रिफ्यूलिंग के बाद इसकी रेंज 7800 किलोमीटर हो जाती है और ये एक बार में अधिकतम 10 घंटे तक उड़ान भर सकता है। रूस बहुत जल्द इसमें Izdeliye 30 इंजन लगाने जा रहा है, जो इस स्टील्थ फाइटर की क्षमता और शक्ति को और भी ज्यादा बढ़ा देगा।



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