पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना का उद्देश्य घरेलू उपभोक्ताओं को सौर ऊर्जा से मुफ्त बिजली देना और बिजली बिलों में बचत कराना है। उपभोक्ता छतों पर सोलर सिस्टम लगाकर बिजली पैदा कर सकते हैं और अतिरिक्त बिजली बेचकर आय भी कर सकते हैं। सरकार 30 गीगावाट सौर ऊर्जा क्षमता विकसित करना चाहती है और सोलर पैनल लगाने के लिए सब्सिडी भी दे रही है।
संवाद सूत्र, ठाकुरगंज (किशनगंज):-
भारत सरकार द्वारा शुरू की गई पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना का उद्देश्य देश के घरेलू उपभोक्ताओं को सौर ऊर्जा के माध्यम से न केवल मुफ्त बिजली उपलब्ध कराना है, बल्कि उनके बिजली बिलों में भी उल्लेखनीय बचत सुनिश्चित करना है।इस योजना के तहत उपभोक्ता अपने घरों की छतों पर रूफटॉप सोलर सिस्टम लगाकर न सिर्फ अपनी जरूरत की बिजली खुद पैदा कर सकेंगे, बल्कि अधिशेष बिजली को ग्रिड में बेचकर अतिरिक्त आमदनी भी कर सकेंगे।उक्त बातों की जानकारी देते हुए विद्युत सहायक अभियंता मधुकर वनमाली ने बताया कि सरकार का लक्ष्य है इस योजना के अंतर्गत आवासीय क्षेत्रों में 30 गीगावाट की अतिरिक्त सौर ऊर्जा क्षमता विकसित की जाए।

पर्यावरण को मिलेगा लाभ:-
इससे पर्यावरण को भी बड़ा लाभ मिलेगा, क्योंकि इन सोलर पैनलों के अनुमानित 25 वर्षों के जीवनकाल में लगभग 720 मिलियन टन कार्बन डाइऑक्साइड समतुल्य उत्सर्जन में कमी आएगी, जिससे जलवायु परिवर्तन के खिलाफ भारत की लड़ाई को मजबूती मिलेगी।उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा इस योजना के अंतर्गत रूफटॉप सोलर पैनल लगाने के लिए आकर्षक सब्सिडी भी प्रदान की जा रही हैं। एक किलोवाट के सोलर सिस्टम के लिए 30 हजार रुपये, दो किलोवाट के लिए 60 हजार रुपये, और तीन से दस किलोवाट तक के सिस्टम के लिए 78 हजार रुपये तक की वित्तीय सहायता उपभोक्ताओं को दी जाएगी।

बैंक अकाउंट में ट्रांसफर होगी सब्सिडी की राशि
यह सब्सिडी सीधे उपभोक्ताओं के बैंक खातों में ट्रांसफर की जाएगी, जिससे पारदर्शिता और लाभ की सुनिश्चितता बनी रहेगी। इस योजना के कार्यान्वयन से न केवल स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि निर्माण, लॉजिस्टिक्स, आपूर्ति श्रृंखला, विक्री, स्थापना, संचालन एवं रख-रखाव जैसे क्षेत्रों में भी बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर सृजित होंगे।अनुमान है कि इस योजना से देशभर में लगभग बड़ी संख्या में लोगों को सीधी नौकरियां मिलेंगी, जिससे आर्थिक विकास को भी नई गति मिलेगी। पीएम सूर्य घर योजना न केवल ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में एक ठोस कदम है, बल्कि यह भारत को हरित ऊर्जा क्रांति की ओर भी अग्रसर करेगा।