क्या आप जानते हैं मरने से पहले दिखने लगती हैं ये 2 चीजें! जानिए क्या कहता है गरुड़ पुराण ?

Garud Puran Quotes : गरुड़ पुराण में मृत्यु के बारे में कई सारे रहस्य खोले गए हैं. बताया गया है कि कैसे मृत्यु से पहले आपको कुछ चीजों के दर्शन पहले ही होने लगते हैं. आज हम इस रहस्य से पर्दा हटाएंगे|

गरुण पुराण का महत्व क्या हैं ?

प्रस्तावना
गरुण पुराण हिन्दू धर्म के अठारह महापुराणों में से एक अत्यंत महत्वपूर्ण पुराण है, जिसे भगवान विष्णु ने अपने वाहन गरुण को सुनाया था। यह पुराण न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि मृत्यु, जीवन, कर्म, और मोक्ष जैसे गूढ़ विषयों पर प्रकाश डालता है। भारत में विशेष रूप से मृत्यु के बाद इसकी व्याख्या और पाठ परंपरा के रूप में देखी जाती है।

1. धार्मिक दृष्टि से महत्व :-


गरुण पुराण का धार्मिक महत्व अत्यंत गूढ़ है। इसमें जीव के कर्मों का फल, मृत्यु के बाद आत्मा की यात्रा, यमलोक का वर्णन, और पाप-पुण्य की गणना का विस्तृत विवरण है। इसमें बताया गया है कि मृत्यु के पश्चात आत्मा किन-किन अवस्थाओं से गुजरती है, और कैसे मोक्ष प्राप्त किया जा सकता है।

2. अजीब परछाइयाँ देखना :-

व्यक्ति की मृत्यु से पहले उसको अजीब तरह की परछाईयां दिखने लगती है. उसे पहले से ही एहसास होने लगता है कि उसके साथ कुछ बड़ा घटने वाला है. गरुड़ पुराण के अनुसार, मृत्यु से पहले व्यक्ति को अपनी परछाई भी दिखना बंद हो जाती है|

3. मृत्यु संस्कारों में इसकी भूमिका :-


भारत के कई हिस्सों में किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद गरुण पुराण का पाठ अनिवार्य रूप से किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि इसके श्रवण से मृतात्मा को शांति मिलती है और उसे यमलोक की यात्रा में मार्गदर्शन प्राप्त होता है।

4 .दिखने लगते हैं मृत्यु दूत :-

गुरुड़ पुराण के अनुसार, व्यक्ति को अपनी मृत्यु से पहले मृत्यु के दूत दिखाई देने लगते हैं. यह दूत देखने में भयभीत करने वाले होते हैं. इन दूतों को देखकर व्यक्ति को काफी डर लग सकता है. इसके अलावा कई बार अपने पूर्वजों के भी दर्शन होने लगते हैं|

5. मोक्ष प्राप्ति का मार्ग :-


इस पुराण में मोक्ष प्राप्ति के उपायों का विस्तार से वर्णन है। इसमें भगवान विष्णु की भक्ति, सत्य आचरण, और विवेकपूर्ण जीवन जीने को मोक्ष का मूल मंत्र बताया गया है। मोक्ष प्राप्त करना ना ही इतना आसान है, और ना ही इतना कठिन. यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपका अपने मन पर कितना कंट्रोल है. मृ्त्यु के समय आपका मन काफी ज्यादा विचलित होने लगता है. अगर आप सांसारिक मोह-माया से दूर हैं और मन आपके नियंत्रण में हैं तो आप मोक्ष प्राप्त कर सकते हैं.

6. आयुर्वेद और वास्तु शास्त्र का उल्लेख :-


गरुण पुराण केवल अध्यात्म और मृत्यु से संबंधित नहीं है, इसमें आयुर्वेद, चिकित्सा विज्ञान, और वास्तु शास्त्र से जुड़े विषयों का भी वर्णन मिलता है। इससे यह स्पष्ट होता है कि यह ग्रंथ एक व्यापक जीवन मार्गदर्शक है।

निष्कर्ष :-

गरुण पुराण न केवल धार्मिक ग्रंथ है, बल्कि यह मानव जीवन के हर पहलू को छूता है — मृत्यु के रहस्यों से लेकर जीवन के कर्तव्यों तक। इसकी शिक्षाएँ आज के समय में भी उतनी ही प्रासंगिक हैं, जितनी प्राचीन काल में थीं। एक पत्रकार की दृष्टि से देखा जाए तो यह पुराण केवल आस्था का विषय नहीं, बल्कि संस्कृति, परंपरा और आत्मिक अनुशासन का दर्पण भी है।















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